KOI KAHE MUJE PAGAL DEEWANA
कोई कहे मुझे पागल दीवाना
कोई कहे मुझे आशिक परवाना
कोई कहे इस का हैं ना कोई ठिकाना
कॅह्लो जो तुम दिल चहै
येशू का प्यार है सागर से गहरा
बरसता मुझ पर समर्थ सवेरा
वो है मेरा मई हूँ उसीका
कोई कहे मुझे……
चाँद और सितारे कितने है प्यारे
रचा है तू ने ही उन्हे
नीले नीले गगन पंछी प्यारे
यभी भाई है तेरे ही सारे
पर्वत समंदर तूने सजाया,
हर रंग से मेरे ही खातिर
कोई कहे मुझे……
तेरी हर श्रीस्टी से मे हू उछा,
सबसे मई प्यारा हू तेरा
स्वर्ग से थरती थरती से सूली
चढ़ा तू मेरे ही कारण
गौँगा मैं
नुचु भी तेरे लिए ही प्रभुजी
कोई कहे मुझे……
koi kahe muje pagal divana